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श्री किशोरी जी

श्री किशोरी जी ने अपनी अल्प आयु में ही सनातन धर्म के प्रचार में अद्वितीय योगदान दिया है। वे श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से न केवल भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का सजीव चित्रण करती हैं बल्कि जीवन में धर्म , भक्ति और सेवा के महत्व को भी सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाती है। उनकी कथाओं का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सत्य, तप, दया और दान के मूल उपदेशों को जीवन में उतारना है।

इसके साथ ही, श्री किशोरी जी ने वृद्धजनों के लिए एक वात्सल्य पूर्ण वृद्ध आश्रम की स्थापना की है, जहां बुजुर्गों को निस्वार्थ सेवा, आदर और सुरक्षा का वातावरण प्राप्त होता है। उनका संपूर्ण प्रयास समाज में धर्म के वास्तविक स्वरूप – प्रेम, सेवा और सत्य के संदेश को पुनः जागृत करने का है।

श्री किशोरी जी का जीवन स्वयं में एक उदाहरण है की किस प्रकार आध्यात्मिकता के साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह किया जा सकता है।

आपका छोटा योगदान किसी के लिए जीवनदान बन सकता है
सेवा का अवसर अब आपके हाथ में है

श्री किशोरी परिवार आपको “प्रतिदिन 2 रोटी की सेवा” में सम्मिलित होने का एक आसान और प्रभावी तरीका प्रदान करता है। अब आप मात्र ₹11 /- प्रति दिन (सप्ताहिक सदस्यता ₹77/-) के माध्यम से इस पुण्य कार्य में योगदान दे सकते हैं और जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं।

प्रति दिन दो रोटी का दान -
"भूख के विरुद्ध हमारी लड़ाई"

 दो रोटियां आपके घर में साधारण हो सकती है परंतु एक भूखे के लिए बहुत मूल्यवान है । जब हम अपना अन्न किसी अजनबी से बांटते हैं तब वह केवल सेवा नहीं बल्कि सच्चा दया भाव बन जाता है। भूखे को अन्न देना सेवा का सबसे सरल और सुंदर मार्ग है। दो रोटियां जो आप प्रेम पूर्वक दान करते हैं वही रोटियां प्रभु के चरणों में अर्पण मानी जाती है। हर भूखे मनुष्य में भगवान का वास है और हर खिलाई गई थाली में अनंत आशीर्वाद छिपे हैं। अपने जीवन को इस मधुर सेवा से धन्य करें और दो रोटियों के माध्यम से किसी जरूरतमंद की मुस्कान का हिस्सा बने।

दानेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते।
इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः॥

अर्थ – दान करने से स्वर्ग समान उत्तम लोको की प्राप्ति होती है, दान करने से सुख और सौभाग्य के योग बनते हैं , दान करने वाला इंसान भूलोक और परलोक में  पूजनीय बन जाता है ।

श्री किशोरी वृद्धाश्रम
को दान करें

जीवन की अंतिम यात्रा में सबसे बड़ी आवश्यकता होती है – प्रेम ,सम्मान और अपनेपन की। हमारे वृद्ध जन जो कभी हमारे लिए सुरक्षा और मार्गदर्शन के स्तंभ रहे , आज वही हमारी दया और करुणा के पात्र हैं। श्री किशोरी वृद्ध आश्रम में हम हर वृद्ध को न सिर्फ एक छत बल्कि एक परिवार देने का प्रयास कर रहे हैं।

हर दिया गया अन्न का कौर , हर बांटा गया स्नेह श्री कृष्ण के चरणों में अर्पित पुष्प के समान है।आइए, सेवा में हाथ बढ़ाइए।
आज एक वृद्ध को प्रेम दीजिए और श्री कृष्ण से अनंत प्रेम पाइए।

One day meal service for an elderly person
- ₹ 100

Complete Service to an elderly person for 1 Month
- ₹ 6000

Testimonials

पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज आध्यात्मिक धर्म गुरु और विश्व विख्यात कथा वाचक

श्री भक्ति और सेवा का अनुपम संगम है। इतने कम उम्र में उनका श्रीमद्भागवत ज्ञान और समाज के प्रति समर्पण सराहनीय है। ईश्वर उन्हें और ऊँचाइयों तक ले जाए।

पूज्य श्री अनुरुद्धाचार्य जी महाराज श्रीमद भगवत कथा वाचक

श्री किशोरी जी धर्मप्रचार और सेवा के माध्यम से भक्ति व करुणा का संदेश दे रही हैं। इतनी कम उम्र में वे युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं और समाज में ईश्वरीय जागरण का कार्य कर रही हैं।

बाल योगी अरुण पुरी जी महाराज महंत सिद्धनाथ मंदिर

श्री जी के भीतर जो दिव्यता है, वह सहज ही हृदय को छू जाती है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे धर्म, सेवा और प्रेम का दीपक ऐसे ही जलाती रहें।

जया किशोरी विश्व विख्यात कथा वाचक और मोटिवेशनल स्पीकर

मैं श्री को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं और आशा करती हूं कि वे अपने कार्य के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को प्रभु के मार्ग की ओर प्रेरित करती रहेंगी।

पूज्य शिवाकांत शास्त्री जी महाराज अंतरराष्ट्रीय कथावाचक

श्री किशोरी जैसी युवा वाचिका का समाजसेवा और धर्मप्रचार में योगदान प्रशंसनीय है। उनका भाव, समर्पण और व्यक्तित्व भविष्य में लाखों लोगों का मार्गदर्शन करेगा।

आचार्य लंकेश जी विश्व प्रसिद्ध गर्भ ज्योतिष आचार्य और राम कथा वाचक

कथा केवल वाणी नहीं होती, वह आत्मा का प्रवाह होती है — किशोरी जी में वही प्रवाह मैंने अनुभव किया है। उन्हें मेरा आशीर्वाद और शुभकामनाएँ।

देवी नेहा सारस्वत विश्व विख्यात गायिका और भागवत कथा वाचक

श्री की गायिकी में ऐसा मधुर भाव है जो सीधे हृदय को छू जाता है। उनकी आवाज़ न सिर्फ भक्ति को जाग्रत करती है, बल्कि हर श्रोता के मन में शांति और आनंद भर देती है। ऐसी आत्मा से निकली भक्ति दुर्लभ है।

श्री पुंडरीक गोस्वामी जी 38 वें गौडिया संप्रदाय आचार्य

श्री किशोरी जी अपने आचरण और सेवामय जीवन से युवाओं को भक्ति और सेवा के मार्ग पर प्रेरित कर रही हैं। ईश्वर उन्हें निरंतर शक्ति और सफलता प्रदान करें।

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